वृंदावन को ‘हेरिटेज सिटी’ दर्जा दिलाने के लिए शुरू हुआ अभियान



श्री कृष्ण की दिव्य भूमि वृंदावन को यूनेस्को विश्व विरासत शहर के रूप में मान्यता दिए जाने के लिए अभियान शुरू किया गया है।

ध्यान रहे, बृज मंडल के हरित कार्यकर्ता, आध्यात्मिक नेता व संरक्षणवादी हाल ही में छटीकरा मार्ग पर 400 पेड़ों को काटकर कंक्रीट के जंगल बनाने की घटना से बेहद आहत और आक्रोशित हैं। हरियाली को नुकसान पहुंचाने के ऐसे मामले पिछले कई वर्षों से चल रहे हैं। इसके चलते अब वृंदावन का मूल दिव्य स्वरूप लुप्त होता जा रहा है।

पेड़ काटने की घटना के बाद से इस पवित्र शहर को भावी पीढ़ी के लिए बचाने और इसे आध्यात्मिक विरासत इकाई के रूप में संरक्षित किए जाने की मांग जोर पकड़ने लगी है।

आध्यात्मिक माहौल और भक्ति से सराबोर यह जीवंत विरासत स्थल हर साल लाखों तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है। बृज क्षेत्र के लोगों को आध्यात्मिक तीर्थस्थलों व जंगलों, देहाती जीवन व पवित्र जल निकायों और यमुना घाटों व हजारों मंदिरों की रक्षा के लिए एक साथ आने का आह्वान किया गया है। बृज संस्कृति के सार, इसकी विद्या, संगीत, नृत्य व कला और गाय व मोर जैसे पक्षी व जानवरों को संरक्षित किया जाने की जरूरत है।

वृंदावन सांस्कृतिक व आध्यात्मिक विरासत का खजाना है। शहर की संकरी गलियां, प्राचीन मंदिर व यमुना नदी के किनारे मौजूद शांत घाट इसके समृद्ध इतिहास के प्रमाण हैं। हालांकि, अब तेजी से बढ़ते शहरीकरण और अनियंत्रित विकास से इस विरासत को नुकसान पहुंचने का खतरा बढ़ गया है। ऊंची इमारतों और वाणिज्यिक परिसरों के निर्माण से पवित्र उपवनों और जल निकायों पर अतिक्रमण हो रहा है, जो वृंदावन की पहचान का अभिन्न अंग हैं।

वृंदावन को यूनेस्को विश्व धरोहर शहर घोषित करने से न केवल इसके अद्वितीय सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परिदृश्य को संरक्षित करने में मदद मिलेगी, बल्कि स्थायी पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। यह दर्जा सुनिश्चित करेगा कि विकास परियोजनाओं को शहर की विरासत के प्रति संवेदनशीलता के साथ चलाया जाए, जिससे इसके ऐतिहासिक स्थलों को और नुकसान न पहुंचे। यह संरक्षण प्रयासों की आवश्यकता पर वैश्विक ध्यान भी आकर्षित करेगा। साथ ही, वृंदावन की विरासत की रक्षा के लिए संसाधनों और विशेषज्ञता को भी आकर्षित करेगा।

इसके अलावा, वृंदावन को एक विरासत शहर के रूप में मान्यता देने से उन लाखों भक्तों की भावनाओं का सम्मान होगा, जो इसे एक पवित्र तीर्थस्थल मानते हैं। यह वैश्विक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक मानचित्र पर शहर के महत्व को मजबूत करेगा। और, अधिक से अधिक लोगों को इसके दिव्य आकर्षण को देखने और अनुभव करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

वृंदावन की विरासत का संरक्षण केवल इमारतों और स्मारकों की सुरक्षा के बारे में नहीं है, बल्कि यह अमूर्त सांस्कृतिक प्रथाओं, पारंपरिक संगीत व नृत्य रूपों, रासलीला, कथा, भागवत प्रवचनों, कीर्तन, परिक्रमा, भंडारे और शहर की पहचान को परिभाषित करने वाले जीवंत त्योहारों की सुरक्षा के बारे में है।




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