आगरा : हाल ही में आई बाढ़ के बाद यमुना नदी में जमा मलबे और अत्यधिक गाद की तत्काल सफाई और खनन की मांग को लेकर आगरा मंडलायुक्त को एक ज्ञापन सौंपा गया है। ज्ञापन में नियमित रेत उठाई और खनन की उचित व्यवस्था करने का भी अनुरोध किया गया है।
रिवर कनेक्ट कैंपेन के डॉ देवाशीष भट्टाचार्य ने बताया कि ज्ञापन में आगरा, मथुरा और वृंदावन में हाल की बाढ़ के बाद यमुना नदी की स्थिति चिंताजनक हो गई है। नदी तल पर बड़ी मात्रा में मलबा, कीचड़ और अत्यधिक गाद जमा हो गई है। इससे नदी की जल वहन क्षमता गंभीर रूप से कम हो गई है। इस संचय ने निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ा दिया है, नाजुक पारिस्थितिक संतुलन को खतरे में डाल दिया है और ताजमहल जैसे विश्व धरोहर स्मारकों तथा संबद्ध नदी तट घाटों के लिए सीधा खतरा पैदा कर दिया है।
रिवर कनेक्ट कैम्पेन के संयोजक बृज खंडेलवाल ने मांग की है कि मलबे और गाद के जमाव का आकलन करने के लिए एक संयुक्त सर्वेक्षण दल गठित किया जाए और पर्यावरण मानदंडों का पालन सुनिश्चित करते हुए नियंत्रित खनन और उठान की अनुमति के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण के पास तत्काल आवेदन किया जाए।
साथ ही, अगले बाढ़ के मौसम से पहले पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, स्थानीय विश्वविद्यालयों, पर्यावरण समूहों और समुदाय के हितधारकों के विशेषज्ञों की एक निगरानी समिति का गठन किया जाए।
ज्ञापन में चेतावनी देते हुए कहा गया है कि यदि तत्काल कदम नहीं उठाए गए, तो आगरा को एक संयुक्त आपदा का सामना करना पड़ सकता है। आने वाले मानसून में अधिक भीषण बाढ़, जल संसाधनों का संदूषण, समुदायों का विस्थापन और यमुना के किनारों पर स्थित विरासत स्मारकों को अपूर्णीय क्षति हो सकती है।

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