भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का केंद्र बृज क्षेत्र अपने पवित्र कुंडों के लिए प्रसिद्ध है। राधा कुंड, गोविंद कुंड, श्याम कुंड, ललिता कुंड, और कुसुम सरोवर जैसे कुंड धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।
हाल ही में, बृज वृन्दावन देवालय समिति के प्रतिनिधि मण्डल ने गोस्वामी कृष्णनन्द भट्ट के नेतृत्व में, मल्हार कुंड और बलदेव कुंड का निरीक्षण किया। दोनों कुंडों की स्थिति दयनीय पाई गई। मल्हार कुंड गंदगी, कूड़े और अतिक्रमण से घिरा है, जबकि सीवर इसका जल दूषित कर रहा है। बलदेव कुंड की हालत भी बदतर है। इन कुंडों का पौराणिक महत्व श्रीकृष्ण की लीलाओं से जुड़ा है। इनकी उपेक्षा से धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं और पर्यावरण को क्षति पहुंचती है। प्रतिनिधि मण्डल ने संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने का संकल्प लिया। समिति ने सरकार से बृज के सभी कुंडों का सीमांकन करने और अतिक्रमण रोकने की मांग की। मल्हार और बलदेव कुण्ड की रक्षा के लिए न्यायालय का सहारा लिया जाएगा।
कुंडों का संरक्षण जल संरक्षण, जैव-विविधता और पर्यटन के लिए आवश्यक है। ये कुंड बृज की सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक हैं। समाज, सरकार और स्थानीय समुदाय को मिलकर इन्हें दोबारा से जीवित करना होगा। गोवर्धन के मानसी गंगा, बरसाना का प्रेम सरोवर और अन्य कुंडों की रक्षा से बृज की आध्यात्मिक और प्राकृतिक सुंदरता बरकरार रहेगी। यह समय की मांग है कि इन पवित्र स्थलों को उनकी खोई गरिमा वापस लौटाई जाए।
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