प्रदूषण नियंत्रण के लिए पर्यटक प्रवेश शुल्क लागू करने की मांग

आगरा : विरासत संरक्षणवादियों और हरित कार्यकर्ताओं ने आगरा नगर निगम से विभिन्न प्रदूषण नियंत्रण उपायों के लिए पर्यटक कर लागू करने और प्रेम और सौंदर्य के शहर आगरा को हरा-भरा बनाने का आग्रह किया है।

Read in English: Activists demand tourist tax to fund pollution control measures

नगर निगम प्रमुख को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि इस कदम का उद्देश्य शहर में सकारात्मक बदलाव और विकास को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन की आर्थिक क्षमता का दोहन करना है।

आगरा नगर निगम को प्रस्तुत प्रस्ताव में नागरिक सुविधाओं और प्रदूषण नियंत्रण उपायों को बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया गया है।

ध्यान रहे, साल 1994 में एमसी मेहता जनहित याचिका में सर्वोच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद आगरा की संपन्न औद्योगिक अर्थव्यवस्था को तब स्थायी झटका लगा था, जब सभी प्रदूषणकारी उद्योगों को बंद कर दिया गया और कई प्रतिबंध लगा दिए गए।

संसाधनों की कमी के चलते शहर में वायु और नदी प्रदूषण का स्तर उच्चतम बिंदु पर है। शहर को लगभग बीस हजार सफाईकर्मी और आधुनिकतम सफाई मशीनों की आवश्यकता है। अनेक ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाने हैं। नए नाले बनने हैं। तमाम नई कॉलोनियों में अभी तक सीवर लाइन नहीं डाली गई है। इसके चलते सेप्टिक टैंकों से काम चलाना पड़ रहा है। आगरा विकास प्राधिकरण नियोजित शहरी विकास को पिछले चालीस वर्षों में नहीं कर पाया है। शहर के तालाबों तक को निगम बचा नहीं पाया है। चार-पांच अधिकारी नगर निगम के सौ पार्षदों से सलाह मशवरा किए बगैर, टोल से की गई उगाही को कैसे खर्च करते हैं, इसके बारे में कोई अता-पता नहीं है। कायदे से विकास प्राधिकरण का लोकतंत्रीकरण होना चाहिए और इस संस्था को नगर निगम के प्रति जवाबदेह होना चाहिए।

ध्यान दें, ताजमहल जैसे सांस्कृतिक विरासत स्थलों के लिए प्रसिद्ध यह शहर हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है। इसके बावजूद, स्थानीय समुदाय इस संपन्न पर्यटन उद्योग की आर्थिक क्षमता से पूरी तरह से लाभान्वित नहीं हो पाया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और आगरा विकास प्राधिकरण स्थानीय सरकार के साथ टोल शुल्क एकत्र करते हैं। लेकिन, नगर निगम अपने निवासियों के लिए आवश्यक सेवाएं और बुनियादी ढांचा प्रदान करने में अभी तक असफल ही साबित हुआ है।

पर्यटक शहर में प्रवेश शुल्क की शुरुआत वैश्विक रुझानों के अनुरूप है। कई यूरोपीय देश अति पर्यटन द्वारा उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करने के लिए इसी तरह के पर्यटक करों को लागू करने पर विचार कर रहे हैं। इस प्रवेश शुल्क के माध्यम से एकत्र किए गए धन को आगरा में समग्र आगंतुक अनुभव को बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न परियोजनाओं की ओर निर्देशित किया जाना चाहिए। साथ ही, स्थानीय आबादी के लिए जीवन की गुणवत्ता में सुधार भी करना चाहिए।

प्रस्तावित प्रवेश शुल्क अतिरिक्त राजस्व के एक स्थायी स्रोत के रूप में काम कर सकता है। बुनियादी ढांचे के विकास में इसका निवेश करके, यह शहर समग्र पर्यटक अनुभव को बढ़ा सकता है और अपने निवासियों के लिए एक अधिक रहने योग्य और बेहतर शहर बना सकता है।

इस प्रस्तावित पर्यटक प्रवेश शुल्क की सफलता एकत्रित धन के पारदर्शी और जवाबदेह प्रबंधन पर निर्भर करती है। नगर निगम को इन संसाधनों के आवंटन को उन पहलों की ओर प्राथमिकता देनी चाहिए, जिनका आगरा में जीवन की गुणवत्ता में सुधार, आर्थिक अवसरों को बढ़ावा देने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए शहर की सांस्कृतिक विरासत स्थलों को संरक्षित करने पर ठोस प्रभाव पड़ता हो।

पर्यटक प्रवेश शुल्क की शुरुआत करके, आगरा नगर निगम एक अधिक जीवंत और समावेशी शहर का मार्ग प्रशस्त कर सकता है, जो निवासियों और आगंतुकों दोनों को समान रूप से लाभान्वित करता हो। यह आगरा को विश्वस्तरीय नागरिक सुविधाओं के साथ एक आदर्श पर्यटन स्थल में बदलने की दिशा में एक रणनीतिक कदम हो सकता है। इससे ऐतिहासिक स्थलों को देखने आने वाले सभी लोगों के लिए एक यादगार अनुभव बन सकता है।

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