जयंती पर ‘नाट्य पितामह’ राजेंद्र रघुवंशी को किया याद

आगरा : ‘नाट्य पितामह’ राजेंद्र रघुवंशी की 105वीं जयंती पर शहरवासियों ने उन्हें याद किया। ‌यूथ हॉस्टल में आयोजित समारोह में सांस्कृतिक, साहित्यिक व नाट्य विधा से जुड़े लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

केंद्रीय हिंदी संस्थान के पूर्व निदेशक प्रो. रामवीर सिंह ने राजेंद्र रघुवंशी से जुड़े अपने संस्मरण साझा किए। वरिष्ठ पत्रकार डॉ. बच्चन सिंह सिकरवार ने उन्हें ‘युगपुरुष’ की संज्ञा दी। प्रो. ज्योत्सना रघुवंशी ने पिता राजेंद्र रघुवंशी एवं मां अरुणा रघुवंशी की स्मृतियों को नमन किया। ईएसआई अस्पताल की सीएमएस डॉ. मीना यादव ने कहा कि राजेंद्र रघुवंशी सभी के दिलों में बसे हुए हैं।

भारतीय जन नाट्य संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय संयुक्त सचिव दिलीप रघुवंशी ने राजेंद्र रघुवंशी का जीवन परिचय कराया। उन्होंने बताया कि स्व. रघुवंशी की एक पंक्ति 'बाधक हों तूफान बवंडर, नाटक नहीं रुकेगा' आज भी लोगों के दिलों में बसी हुई है।

इप्टा की आगरा इकाई ने दिलीप रघुवंशी के निर्देशन में नाटक ‘मैं भी कैसा पत्रकार हूं’ तथा रघुवंशी की अन्य रचनाओं की संगीतमय प्रस्तुति दी। अंत में वृत्तचित्र ‘नाटक नहीं रुकेगा’ प्रस्तुत किया गया। आगरा इप्टा अध्यक्ष सुबोध गोयल ने धन्यवाद ज्ञापित किया। संगीत निर्देशक परमानंद शर्मा, असलम खान, मुक्ति किंकर, जय कुमार, सूर्य देव, आनंद बंसल, अनुज गोस्वामी व सूरज सिंह की प्रस्तुतियों ने समां बांध दिया। सिद्धार्थ रघुवंशी, कुमकुम रघुवंशी, नीरज मिश्रा, वर्तिका सिंह व प्रियंका मिश्रा ने व्यवस्थाएं संभालीं।

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