आगरा : रिवर कनेक्ट कैंपेन के तत्वावधान में यमुना आरती स्थल पर विश्व नदी दिवस मनाया गया। आयोजन के दौरान यमुना में पूरे साल नियमित न्यूनतम प्रवाह की मांग की गई। साथ ही, हरियाणा व दिल्ली से डाउनस्ट्रीम शहरों के लिए उनके हिस्से का पानी छोड़ने के लिए भी कहा गया। नदी को जीवित रखने और शहर में जलीय जीवन की रक्षा करने के साथ-साथ प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए यह पहली आवश्यकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली से आगरा तक नदी में खुलने वाले सभी नालों को मोड़ना होगा। एक भी नाले को अनुपचारित अपशिष्ट जल को नदी में बहाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। इसके लिए, यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्रदूषण फैलाने वालों की पहचान करनी चाहिए और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।
विशेष अभियानों के तहत नदी के तल की निरंतर सफाई, ड्रेजिंग और गाद निकाली जानी चाहिए। कम से कम एक मीटर गाद हटाने से पानी रिसकर शहर के भूजल स्तर को ऊपर उठा सकता है। नदी के किनारे व घाटों का रखरखाव, जगह-जगह कूड़ेदान, प्रदूषणकारी सामग्री के विसर्जन पर प्रतिबंध, कपड़े धोने व पशुपालकों द्वारा नदी को प्रदूषित करने पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाना अब अति आवश्यक हो गया है।
यमुना के साथ-साथ उटांगन, करबन आदि सहायक नदियों को भी साफ करना होगा और बारिश के पानी को संग्रहित करने के लिए चेक डैम बनाने होंगे। पूरे शहर में सामुदायिक तालाबों की पहचान करके उन्हें साफ करना होगा। कई तालाब गायब हो गए हैं, लेकिन जो बचे हैं, उन्हें संरक्षित किया जाना चाहिए। विशाल कीथम झील को भी साफ करने और जीर्णोद्धार की आवश्यकता है। ताजमहल के नीचे की ओर एक बैराज की तत्काल आवश्यकता है। ताकि, ताजमहल, एत्माउद्दौला व राम बाग के पीछे छह फुट तक पानी जमा होना सुनिश्चित किया जा सके।
रिवर कनेक्ट कैंपेन के संयोजक बृज खंडेलवाल ने अपने वक्तव्य में आगरा के मंत्री गण, सांसद, विधायक और अन्य नेताओं से आग्रह किया कि यमुना नदी शहर की जीवन रेखा और धर्म व आस्था का केंद्र है। इसके संरक्षण के लिए अति शीघ्र आवश्यक कदम उठाए जाएं। आयोजन में डा. देवाशीष भट्टाचार्य, डा. हरेंद्र गुप्ता, गोस्वामी नंदन श्रोत्रीय, चतुर्भुज तिवारी, राकेश गुप्ता, राजकुमार माहेश्वरी, दिलीप जैन व राकेश बघेल आदि मौजूद रहे
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