‘स्वयं की सुषुप्त भावनाओं को जाग्रत करता है काव्य’



एसिड अटैक पीड़ित महिलाओं द्वारा संचालित ‘शी रेज हैंग आऊट’ होटल काम्पलैक्स में इंग्लिश पोएट्री अड्डा के तीसरे संस्करण का आयोजन किया गया।

आयोजन में कवि राजीव खंडेलवाल ने कहा कि काव्य को पढ़ना स्वयं में उन भावनाओं को जाग्रत करना है जो कि सुषुप्तावस्था में हर किसी में होती ही हैं।

इस दौरान, अमृता विद्या एजुकेशन फार इम्मोर्टालिटी के सचिव अनिल शर्मा ने कहा कि काव्य लेखन को नई शिक्षा नीति में शामिल किया जाना चाहिए। अभिभावकों को भी इसके लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।

छांव फाउंडेशन के निदेशक अशीष शुक्ला ने बताया कि पोएट्री अड्डा आयोजन के जरिये एसिड अटैक पीड़ितों के लिए भी अपनी भावनाओं व साहित्यिक क्षमताओं को उभारने और उनका प्रदर्शन करने के लिए एक सशक्त मंच मिल गया है। निश्चित रूप से यह आयोजन साहित्यिक गतिविधि के अलावा एक लोकपरक कार्य भी है।

आयोजन में असलम सलीमी, कांति, आहिल, नवाबुद्दीन, डॉ वेद त्रिपाठी, प्रतीक राठौर, आदित्य चौहान, प्रय्ताक्षा, स्तुति जैन, भारत सिंह, अंकित नोतानी, इशिका गर्ग व अनुष्का आदि उपस्थित रहे।




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