कमजोर गर्भाशय के बावजूद मिल सकेगा मां बनने का सुख



अब कमजोर गर्भाशय को जाली लगाकर मजबूत बनाए जाने से ऐसी महिलाओं को भी मां बनने का सुख मिल सकेगा, जो गर्भ धारण नहीं कर पाती हैं।

कोचीन के डॉ. हाफिज रहमान ने हर्निया में लगाई जाने वाली जाली को गर्भशय पर लगाकर ऐसी पांच महिलाओं की डिलीवरी करवाई है, जो मां बनने की उम्मीद छोड़ चुकी थीं। विश्व में पहली बार ऐसी सफलता भारत में डॉ. हाफिज की इजाद तकनीक ‘मेश प्लास्टी ऑफ यूट्रस’ से मिली है।

आगरा के डॉ. अमित टंडन ने भी एक ऐसी महिला की डिलीवरी करवाई है, जो गर्भाशय कमजोर होने के कारण उनके पास गर्भपात के लिए आई थी। परन्तु, जाली लगाकर उसके गर्भाशय को मजबूत किया गया तो डिलीवरी संभव हो सकी।

डॉ. टंडन का कहना है कि गर्भाशय के कमजोर होने का एक कारण सिजेरियन और बार-बार गर्भपात भी हो सकता है। लेकिन, आज के दौर में महिलाएं मां बनने का सुख तो चाहती हैं लेकिन बिना दर्द के...। सिजेरियन डिलीवरी के अधिक होने का एक मुख्य कारण भी यही है। छोटे शहरों में लगभग 20-30 प्रतिशत तो मेट्रो शहरों में 50 फीसदी तक सिजेरियन डिलीवरी हो रही हैं। गर्भावस्था के दौरान शारीरिक व्यायाम न होने से भी जटिलताएं बढ़ सकती हैं। नवें महीने पर खूब काम करना चाहिए। इससे महिला की मांसपेशियों व हड्डियों में लचीलापन बना रहेगा और डिलावरी सामान्य हो सकेगी।

मुजफ्फर नगर की डॉ. नूतन जैन के अनुसार मीनोपॉज से पहले और कई वर्षों बाद होने वाली अधिकता में रक्तस्राव रसौली या कैसंर का कारण हो सकता है। अक्सर महिलाएं 40 की उम्र में अधिक रक्तस्राव होने की समस्या को मीनोपॉज समझकर नजरअंदाज कर देती हैं। वहीं 60-65 की उम्र में भी महिलाएं रक्तस्राव की समस्या लेकर पहुंचती हैं। 10-12 वर्ष तक रसौली रहने पर वह कैंसर भी बन सकती है। इसलिए, जब भी रक्तस्राव अधिक हो तो डॉक्टर से अवश्य चेकअप करवाएं। हर वर्ष गर्भाशय में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। स्वस्थ रहने के लिए नियमित दिनचर्या, वजन को नियंत्रण में रखना और प्रतिदिन व्यायाम जरूर करना चाहिए।

पूना के डॉ. मिलिंद तेलंग कहते हैं कि हर महिला रोग विशेषज्ञ के लिए हिस्ट्रोस्कोपी की ट्रेनिंग भी आवश्यक है। इससे 10-20 मिनट में सोनोग्राफी की तरह बिना किसी दवाई के गर्भाशय की स्पष्ट स्थिति को जाना जा सके। यह मरीज के स्वास्थ के लिए भी बहुत आवश्यक है। भारत में मात्र अभी एक फीसदी महिला रोग विशेषज्ञ ही इसमें प्रशिक्षत हैं। सभी महिला रोग विशेषज्ञों के प्रशिक्षित होने पर गर्भाशय से सम्बंधिक समस्या के इलाज में काफी लाभ संभव है।




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