आगरा : रिवर कनेक्ट अभियान द्वारा टीटीजेड आयुक्त को मानसून की शुरुआत से पहले यमुना नदी में गहन सफाई, डीसिल्टिंग और ड्रेजिंग कार्य शुरू रने के संबंध में एक ज्ञापन दिया गया है।
ज्ञापन में बाढ़ के खतरों को कम करने और इस महत्वपूर्ण जल संसाधन के स्थायी प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए नदी की क्षमता बढ़ाने की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
संयोजक बृज खंडेलवाल ने बताया कि उत्तरी भारत में लाखों लोगों के लिए जीवन रेखा यमुना नदी अनियंत्रित मानवीय गतिविधियों और औद्योगिक अपशिष्टों के कारण खतरनाक स्तर के प्रदूषण और गाद का सामना कर रही है। गाद और प्रदूषकों का संचय न केवल नदी के पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा पैदा करता है, बल्कि मानसून के दौरान बाढ़ की संभावना को भी बढ़ाता है, जिससे आस-पास के समुदायों को एक बड़ा खतरा होता है।
खंडेलवाल के अनुसार, यह वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने और इन आवश्यक उपायों को शुरू करने से आयुक्त आगरा के पास पर्यावरणीय गिरावट को सक्रिय रूप से संबोधित करने और मानसून की बारिश के प्रभावों के खिलाफ यमुना नदी की लचीलापन को मजबूत करने का अवसर है। उनके अनुसार, आपसी सहयोग और भागीदारी को बढ़ावा देकर आयुक्त व्यापक और टिकाऊ समाधान सुनिश्चित कर सकती हैं जो पारिस्थितिकी तंत्र और नदी पर निर्भर लोगों दोनों को लाभान्वित कर सकते हैं।
ध्यान रहे, यमुना नदी को साफ करने, गाद निकालने और मिट्टी निकालने की पहल पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए भारत की प्राकृतिक विरासत को संरक्षित करने के बड़े लक्ष्य के अनुरूप है।
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