आगरा : स्थानीय सिविल एयरपोर्ट को वायुसेना परिसर से बाहर स्थापित करने की प्रक्रिया एक बार पुन: शुरू हो गई है। इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा जनपद के धनौली, बल्हेरा व अभयपुरा गांवों की जमीन चिह्नित कर ली गई है। किसानों को इसके लिए जमीन की कीमत से चार गुना मुआवजा दिया जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार, चालू महीने में ही यह जमीन प्राधिकरण को उपलब्ध करा दी जाएगी। इस प्रकार, नए सिविल एन्कलेव के लिए अब कुल 144.05 एकड़ जमीन उपलब्ध हो जाएगी, जिस पर अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर एयरपोर्ट बनाया जा सकेगा।
एयरपोर्ट निदेशक नीरज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि एयरपोर्ट के लिए जमीन की उपलब्धता सुनिश्चित हो चुकी है। उनके अनुसार, सामान्य रूप से नया सिविल एन्क्लेव तैयार होने में न्यूनतम दो साल का समय लगता है लेकिन, प्राधिकरण की कोशिश है कि तेजी के साथ योजना का क्रियान्वयन हो।
इधर, सिविल सोसायटी ऑफ आगरा के एक प्रतिनिधिमंडल ने एयरपोर्ट निदेशक नीरज कुमार श्रीवास्तव से मुलाकात कर एन्कलेव का निर्माण शीघ्रता से शुरू कराने की बहु-प्रतीक्षित मांग को उठाया। सिविल सोसायटी ऑफ आगरा के अध्यक्ष डॉ शिरोमणि सिंह ने कहा कि अब पर्य़टक ही नहीं आम नागरिक भी हवाई जहाजों का बहुतायत में उपयोग करते हैं। आगरा की सीमित एयर कनेक्टिविटी के कारण इन यात्रियों को ग्वालियर के महाराजपुर हवाई अड्डा या इंदिरा गांधी एयरपोर्ट होकर आना जाना पड़ता है, जो कि बेहद असुविधाकारी और अतिरिक्त व्ययसाध्य है।
महासचिव अनिल शर्मा ने कहा कि इस विकासक्रम के बाद से नागरिक हवाई यातायात तेजी के साथ बढ़ेगा। सिविल एयरपोर्ट के कार्गो और कृषि उत्पादों के एयरलिफ्ट हेतु सूचीबद्ध होने के चलते इन सुविधाओं का भी स्थानीय किसानों और कारोबारियों को लाभ मिलना सुनिश्चित है।
ध्यान रहे, प्रदेश कैबिनेट बैठक में लिए एक निर्णय के अनुसार जमीन खरीद के लिए शासन द्वारा 123.59 करोड़ रुपये की धनराशि आगरा प्रशासन को उपलब्ध कराई जा चुकी है। कुल 278 किसानों की इस जमीन की चार गुना अधिक दर पर खरीदी की जानी है। प्रशासन इनमें से 246 किसानों से जमीन देने के लिए सहमति पत्र भी प्राप्त करने की औपचारिकता पूरी कर चुका है।
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